वैदिक ज्योतिष आपको आपकी कुंडली द्वारा उत्तम करियर की राह दिखाता है, कैसे?
बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो अपने करियर को लेकर बहुत ही परेशान रहते हैं, वो जो नौकरी या व्यवसाय करते हैं लेकिन उनका नौकरी या व्यवसाय ठीक रूप से नही चलता है, व्यक्ति को नौकरी या व्यवसाय में सफलता हाथ नही लग पाती जिसके लिए वो पूर्ण रूप से मेहनत करते हैं, ऐसे में कुछ तो महा दशा का भी प्रभाव रहता है लेकिन व्यक्ति की कुंडली में स्थित ग्रहों के कुछ योग होते हैं जिनके आधार पर यह जान सकते हैं कि आप को किस खास क्षेत्र में व्यवसाय या नौकरी करना चाहिए जिससे कि आप अपनी नौकरी या व्यवसाय में सफलता प्राप्त कर सकें ।
किसी भी जातक की कुण्डली में लग्न, दशम, दशम से दशम यानि सप्तम तथा नवम भाव सीधे-सीधे उसकी आजीविका निर्धारित करते हैं। इसके अतिरिक्त शुक्र की छठवें अथवा बारहवें भाव में उपस्थिति भी जातक के कॅरियर निर्धारण में भूमिका अदा करती है।
जातक की कुंडली में स्थित ग्रहों के अनुसार जानें उत्तम करियर की राह-
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि जातक की जन्म कुंडली में चन्द्रमा जल तत्व की राशि में हो कर पाप ग्रहों शनि, राहु, केतु, सूर्य या मंगल से दृष्ट हो तथा बलवान गुरु दशम या लग्न को प्रभावित करें तो व्यक्ति चिकित्सक बन सकता है। चन्द्रमा और शुक्र या चन्द्रमा और बुध यदि मिलकर लग्न को देखें तो व्यक्ति चिकित्सा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है, इन योगों के साथ साथ बलवान मंगल और राहु व्यक्ति को कुशल शल्य चिकित्सक बनाता है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसाय यदि जातक की कुंडली में शुक्र और चन्द्रमा शुभ ग्रहों की राशि में हो कर पंचम भाव से सम्बंधित हों तो व्यक्ति कला विषयों की शिक्षा लेता है।इसके साथ कुंडली में तीसरे और दसवें भाव का सम्बन्ध शुभ ग्रहों से बन जाये तो जातक को संगीत, कला , मनोरंजन, एक्टिंग आदि के क्षेत्र में कैरियर बनाने का अवसर मिलता है। कला के क्षेत्र में अच्छे कैरियर के लिए जन्म लग्न और नवमांश लग्न पर शुभ ग्रहों का प्रभाव परमावश्यक है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि जातक की कुंडली में बलवान शनि, मंगल, सूर्य या राहु-केतु का संबंध पंचम और दशम भाव से बन जाये तो व्यक्ति इंजीनियरिंग में कैरियर बना सकता है। केतु , बुध और मंगल का पंचम भाव से सम्बन्ध कंप्यूटर, सूचना तकनीक , दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक आदि क्षेत्रों में जातक को कैरियर बनाने का अवसर प्रदान करता है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि जातक की कुंडली में सूर्य और मंगल का संबंध लग्न, तीसरे, छठे या दशम भाव से है तो व्यक्ति पुलिस,अर्धसैनिक बल, सेना, खेल-कूद आदि के क्षेत्रों में अपनी मेहनत से कैरियर बना सकता है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि जातक की कुंडली में मंगल, गुरु और शनि का संबंध पांचवें, छठे, नवम और दशम भाव से बनते हों तो व्यक्ति कानून की पढाई के बाद अच्छे वकील बन सकते हैं। इस योग में यदि गुरु विशेष बलवान हों तो व्यक्ति जज भी बन सकता है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि जातक की कुंडली में बलवान गुरु और बुध का संबंध यदि पांचवें, तीसरे और दसवें भाव से है तो व्यक्ति लेखन कार्य में कुशल होता है। ऐसा व्यक्ति पत्रकार या स्वतंत्र लेखन कार्य कर अपनी आजीविका कमा सकता है। इस योग में यदि शुक्र और चन्द्रमा विशेष बलवान होकर जन्म लग्न या कारकांश लग्न से दशम भाव को देखें तो व्यक्ति टीवी पत्रकार या एंकर बन कर खूब नाम कमा सकता है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि जातक की कुंडली में दूसरे घर यानी धन स्थान, पांचवें (शिक्षा) और सातवें ( व्यापार ) स्थान के स्वामियों का परस्पर संबंध है तो व्यक्ति वाणिज्य विषय में शिक्षा प्राप्त करता है। इसके साथ यदि कुंडली में गुरु और बुध भी बलवान होकर इन भावों से संबंध बनाता है तब व्यक्ति चार्टेड अकाउंटेंट, मार्केटिंग, बीमा, शेयर, फाइनेंस, अर्थशास्त्र के क्षेत्र में कैरियर बनाने में कामयाब होता है।
आल्सो रीड: क्या वैदिक ज्योतिष बताती है, आपके भविष्य में कौन सा नौकरीपेशा आपके लिए सर्वोत्तम है।
करियर की बाधाओं को दूर करने के लिए कुछ उपाय-
प्रत्येक व्यक्ति की कुंडली में ग्रह स्थिति अलग- अलग होने के कारण कुंडली के विशेष आंकलन के बाद ही ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के लिए सही उपाय बताये जाते है लेकिन करियर की बाधाओं के निवारण के लिए कुछ समान्य उपाय हैं जिन्हें प्रत्येक व्यक्ति कर सकता है।
- अपने दशमेश ग्रह के मन्त्र का जाप करें।
- ॐ शम शनैश्चराय नमः का प्रति दिन जाप करना चाहिए. (एक माला प्रति दिन)
- शनिवार के दिन पीपल पर सरसो के तेल का दिया जलाएं।
- प्रति दिन कुत्तो को भोजन दें।
- प्रति दिन हनुमान चालीसा और संकटमोचन का पाठ करना चाहिए।
पाठकों को इस लेख में किसी जानकारी को लेकर कोई दुविधा हो तो हमारे ज्योतिष कंसलटेंट से समपर्क करें
Beautifull blog post,Thank you.
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Vashikaran Astrologer in Malleshwaram